Chhath Puja 2024: छठ का व्रत कैसे खोला जाता है?
Chhath Puja 2024: छठ का व्रत कैसे खोला जाता है?
written by: desk
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छठ पूजा का व्रत बहुत कठिन और नियमों से भरा होता है।
छठ पूजा का व्रत बहुत कठिन और नियमों से भरा होता है।
चार दिनों के इस व्रत का समापन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद किया जाता है, जिसे
व्रत का पारण
कहते हैं।
चार दिनों के इस व्रत का समापन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद किया जाता है, जिसे
व्रत का पारण
कहते हैं।
इस प्रक्रिया में व्रती (व्रत रखने वाले व्यक्ति) सूर्य देव की पूजा करने के बाद, पवित्र भोजन का सेवन करके अपना व्रत खोलते हैं।
इस प्रक्रिया में व्रती (व्रत रखने वाले व्यक्ति) सूर्य देव की पूजा करने के बाद, पवित्र भोजन का सेवन करके अपना व्रत खोलते हैं।
उषा अर्घ्य देना
: – छठ पूजा के चौथे दिन, व्रती उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इसे उषा अर्घ्य कहते हैं।
उषा अर्घ्य देना
: – छठ पूजा के चौथे दिन, व्रती उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इसे उषा अर्घ्य कहते हैं।
व्रती अपने परिवार के साथ नदी, तालाब या जलाशय पर जाकर सूर्य देव को दूध और जल से अर्घ्य अर्पित करते हैं।
व्रती अपने परिवार के साथ नदी, तालाब या जलाशय पर जाकर सूर्य देव को दूध और जल से अर्घ्य अर्पित करते हैं।
इस अर्घ्य में ठेकुआ, चावल के लड्डू, फल, और अन्य प्रसाद सूर्य देव को अर्पण किए जाते हैं।
इस अर्घ्य में ठेकुआ, चावल के लड्डू, फल, और अन्य प्रसाद सूर्य देव को अर्पण किए जाते हैं।
– उषा अर्घ्य के बाद सूर्य देव की पूजा की जाती है और सभी प्रसाद को एकत्रित कर पारंपरिक तरीके से बांटा जाता है।
– उषा अर्घ्य के बाद सूर्य देव की पूजा की जाती है और सभी प्रसाद को एकत्रित कर पारंपरिक तरीके से बांटा जाता है।
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