– गन्ना: गन्ने का जोड़ा (दो गन्ने) पूजा में विशेष रूप से उपयोग किया जाता है। गन्ने को मंडप के रूप में सजाया जाता है और इसे सूर्य देव को अर्पित किया जाता है। – ठेकुआ: ठेकुआ छठ पूजा का प्रमुख प्रसाद होता है, जिसे आटे, घी और गुड़ या चीनी से तैयार किया जाता है। इसे सूप में सजाकर चढ़ाया जाता है। – फल: पूजा में ताजे फल जैसे केला, सेब, नारियल, संतरा, अनार, आदि चढ़ाए जाते हैं। केले का पूरा गुच्छा रखना शुभ माना जाता है। – नारियल (छिलके वाला): छिलके वाले नारियल को पूजा में विशेष स्थान दिया जाता है। इसे सूप में रखकर अर्पित किया जाता है।
– आद्रा (हरी सब्जी): आद्रा या हरी सब्जियां जैसे अदरक का पौधा, हरी मिर्च आदि को भी प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है। – सिन्दूर और कुमकुम: सूर्य देव और छठी मैया की पूजा में सिन्दूर और कुमकुम का विशेष महत्व होता है। इसे सूप में सजाया जाता है और श्रद्धा के साथ चढ़ाया जाता है। – दीपक (मिट्टी का): मिट्टी के दीपक का इस्तेमाल कर संध्या और उषा अर्घ्य में जलाया जाता है, जो सूर्य देव की आराधना का प्रतीक है। – धूप और अगरबत्ती: छठ पूजा के दौरान धूप और अगरबत्ती जलाकर पूजा की जाती है। इससे वातावरण पवित्र होता है और मन को शांति मिलती है। – सुपारी और पान के पत्ते: सुपारी और पान के पत्तों को पूजा में शामिल किया जाता है और ये सभी सूप में रखे जाते हैं। – गुड़: गुड़ को भी प्रसाद का हिस्सा माना जाता है और ठेकुआ बनाने में भी इसका उपयोग होता है। – गाय का दूध और जल: गंगा जल, शुद्ध जल, और गाय के दूध का भी उपयोग पूजा में किया जाता है। इसे अर्घ्य देने में भी इस्तेमाल किया जाता है।
1. चावल (अक्षत): अक्षत (चावल) को पूजा में शुभता का प्रतीक माना जाता है और इसका इस्तेमाल देवी-देवताओं को अर्पित करने के लिए किया जाता है। 2. हथिया: हथिया पत्तों का प्रयोग सूप को ढकने के लिए किया जाता है, और इसे पारंपरिक रूप से पूजा में रखा जाता है। 3. आटे और हल्दी से बने सूर्य की आकृति: आटे और हल्दी से सूर्य देव की आकृति बनाई जाती है और इसे पूजा में अर्पित किया जाता है। 4. गुड़हल का फूल: पूजा में लाल रंग के गुड़हल के फूल का भी उपयोग होता है। इसे शुभ और मंगलकारी माना जाता है।