खरना (दूसरा दिन) - 7 नवंबर 2024 (गुरुवार) इस दिन शाम को व्रती गुड़ और चावल की खीर का प्रसाद बनाते हैं और पूजा के बाद इसे ग्रहण करते हैं। इसके बाद से उनका निर्जला व्रत शुरू होता है।
संध्या अर्घ्य (तीसरा दिन) - 8 नवंबर 2024 (शुक्रवार) इस दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। व्रत करने वाले लोग अपने परिवार के साथ नदी, तालाब या किसी जलाशय के किनारे जाकर सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करते हैं।